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Jeetal Shah

Classics

4  

Jeetal Shah

Classics

सपना

सपना

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आकांक्षाओ के आकाश 

में सपनो के सितारे को  

चमकाने दो,


इठलाती बलखाती नदियों

 की तरंग, 

को बहने दो, 

कदम की छैया तले,

शीतल पवन पुरवैया दो,


अगुवाई कर सावन की 

अखियों से,

नयन निर बहने दो, 

मन के अरमानो को, 

उंचे आसमान तले सजने दो,


उड़ जाऊं बनकर पंछी मे,

अब पंख फैला ये उड ने दो।

सपनों के सितारे को चमकाने दो।


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