सपना
सपना
ये जिन्दगी
बुरे सपने से कम है क्या।
जहा कुछ भी अपनी मर्जी का नही है
केवल कुछ चीजो को छोड को।
अब अगर कोई कहे की ऐसा नहीं है।
मैं अपनी लाइफ से खुश हूँ।
तो मुझे नही लगता कोई खुश है
अगर खुश होता तो फिर
भगवान के सामने हाथ ना फैलाता कुछ मागने को।
सिर्फ उनका धन्यवाद देता।
नींद मे बुरे सपने आना सही बात है।
पर ये जिन्दगी भी नींद के किसी बुरे सपने जैसी ही है।
जिस दिन हम सब जाग जायेंगे।
ये बुरा सपना खत्म हो जाएगा।