सपना पुरा हुआ
सपना पुरा हुआ
हर रोज,
लिखने बैठता,
कई कुछ लिखता,
अधिकतर अच्छा नहीं लगता,
फिर से डिलीट कर डालता,
ये प्रयास,
डिलीट और लेखनी का,
लगातार चलता रहता।
आखिर मैंने,
कुछ ऐसा लिखा,
मुझे पसंद आया,
तसल्ली मिली।
लेकिन सब ने,
बकवास कहा,
किसी काम का नहीं,
कोई साहित्य वाली,
बात नहीं।
आखिर वो,
छपवाया गया,
पहले तो,
कोई इतना,
प्रचलित नहीं हुआ।
लेकिन फिर से छपा,
लोगों ने पढ़ा,
कुछ से तारीफ मिली,
धीरे-धीरे खूब,
पढ़ने लगे,
तारीफ के पुल,
बंधने लगे।
ख्याति बढ़ने लगी,
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी,
अच्छे अच्छे रिव्यू,
मिलने लगे,
मीडिया का भी,
हुआ ध्यान आकर्षित।
आखिर पुरस्कृत होने लगा,
लोगों में,
और रुचि बढ़ी,
सबसे प्रसिद्ध लेखनी हुई।
