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Rashminder Dilawari

Abstract

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Rashminder Dilawari

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सफर

सफर

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निकले थे बेफिक्रे से 

हम अपनी मौज में

सोचा था ले आएंगे

हम जिंदगी खोज के


जोश था जवानी का

मन में उमंग उत्साह

न मंज़िल मालुम थी

जाना था किस राह


चल पड़े हैं फिर भी

हम अपने होश में

सोचा था ले आएंगे

हम जिंदगी खोज के


लंबा था सफर हमारा

हम अश्व पे स्वर

प्यास लगी हम रुक गए

रुके नदिया के पार


आंख लगी हम आ गए 

नींद के आगोश में

सोचा था ले आएंगे

हम जिंदगी खोज के


आंख खुली तो खुद को

पाया एक वन में

मिली नई हमसफर

जो थी अपने योवन में

जेबी देखा उसे प्यार से


हम हो गए माधोश से

सोचा था ले आएंगे

हम जिंदगी खोज के


उस दिन जिंदगी का मतलब

पता चला मेरे यार

होता है सकूँ वहां 

जहां होता है प्यार


जीवन जियो प्यार से

कुछ नहीं रख रोश में

उस दिन हम ले आये 

हम अपनी जिंदगी खोज के।


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