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just chill

Inspirational

4  

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सफर

सफर

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क्यों हुआ निराश तू, सफर से ओ मुसाफिर l 

ये तो वो लम्हा है, जो यूं ही गुजर जायेगा ll


   मंज़िल जब होगी हासिल , यकीनन l

  तुझे बस ये तेरा सफर ही याद आएगा ll


कितनी कर ले कोशिश, ये वक़्त कभी ठहरा नहीं l

तू खुद गुलाम है इसका, इस पर तेरा पहरा नहीं ll


लाख रोकना चाहेगा तू ,पर वक़्त गुज़रता जायेगा l

दुनिया की इस चकाचौंध में, उलझा ही रह जायेगा ll


अंत समय में तुझको ,ये तेरा सफर ही याद आएगा ll


पैर तेरे जब डगमग होंगे, आँ

खों से देख न पाएगा l

चाह के भी उठ न सकेगा, ऐसा वक़्त भी आएगा ll


जीवन का ये फलसफा, जब सिमटता ही जायेगा l

अंत समय में तुझको, ये तेरा सफर ही याद आएगा ll

 

दूर झमेलों से निकल, दुनिया अपनी आबाद कर l

आँखें अपनी बंद कर ,फिर गहरी सी एक साँस भर ll


दुख दर्द को अपने भूलकर, तू हल्का आत्मसात कर l

एक सुकूं मिलेगा दिल को, दिल हल्का हो जायेगा ll

 

भाग दौड़ तू कर ले कितनी, कुछ भी हाथ न आएगा l 

अंत समय में तुझको ,ये तेरा सफर ही याद आएगा ll





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