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Sachin Tiwari

Inspirational

4.0  

Sachin Tiwari

Inspirational

कहानी

कहानी

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तो क्या हुआ, ग़र एक बाजी हार गया 

निश्चय, अब जिद भरी कहानी मैं लिखूँगा 

ज़ख्म भरे या न भरे, अब कोई ग़म नहीं

हर ज़ख्म को, जीत की निशानी मैं लिखूँगा 


घाव अभी ताजा हैं, चोट दिल पर खाई है 

दूर मुझसे हो रही अब, मेरी ही परछाई है 

इस कदर मैं बिखरा हूं, कि होश न मुझे 

दीवाना मैं, फतह मेरी दीवानी मैं लिखूँगा 



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