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Sachin Tiwari

Inspirational

4.0  

Sachin Tiwari

Inspirational

हौसले

हौसले

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कैसे रुक सकेगा, मेरे हौसलों का काफिला 

जिद से जीत लूँगा, जो विरासत में न मिला

सफर शुरू किया है, अब अंजाम देखना है 

लड़कर ले ही लूँगा, जो शराफत से न मिला 

ये सच नहीं है, कि मुझे परवाह न किसी की 

अकड़ से लूँगा मैं, ग़र नजाकत से न मिला 

लहजे में सम्मान हो, है कोई इस काबिल नहीं 

जंग जीतकर ही लूँगा, जो इनायत से न मिला

ईमान की कीमत, यहां कोई समझता ही नहीं

पाखंडी बन जाऊँगा, जो सदाकत से न मिला 



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