सोचो तो सही।
सोचो तो सही।
सोचो तो सही, नारी को सभी,
देवी समान ही, मानते हैं सदा।
तो नारियों पर, इतना अन्याय,
किस लिए ही, होता आ रहा।
प्राचीन वक़्त, से हो रहा सदा,
दिखावे के लिए, देवी मानते हैं।
कन्या रूप में, कंजक मानकर,
वो ही नारी को, परेशान करते।
जो नारी देवी, समान हमेशा है,
जो गृह लक्ष्मी, के ही समान है।
ये हमारे देश का, दुर्भाग्य तो है,
देवी रूप नारी, नहीं आज़ाद है।
