संयुक्त परिवार का महत्व...।
संयुक्त परिवार का महत्व...।
मिलती है खुशियां जब अपने साथ होते हैं,
मिलता है ढेरों प्यार मां के आंचल की छांव में,
मिलती है हजारों दुआएं परिवार के साथ में,
होती है हजारों ख्वाहिशें क्योंकि पिता होते पास में,
अपनों का प्यार परिवार की दुआओ में वो शक्ति है,
जो जुड़ जाती जब पांचों उंगलियां तब महसूस होती है,
जीवन की मुश्किलें कम लगती है जब अपने साथ होते हैं,
सचमुच प्यार का महत्व तो परिवार के बीच महसूस होता है,
अपनों से जुदा होकर जीवनभर निराशा हाथ लगती है,
साथ रहकर तो हर परेशानी छोटी सी लगती है,
दादा दादी से मिली सीख जीवन जीना सिखाती है,
माता पिता से मिले संस्कारों से,
हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है,
भाई बहना के साथ से हर मुश्किल आसान लगती है,
चाचा चाची ताई ताऊजी के साथ में
कब सुबह और कब शाम बीत जाती पता नहीं चल पाता,
सचमुच अपने तो अपने ही होते हैं,
उनका प्यार उनसे मिले संस्कार हमें संस्कारवान बनाते हैं,
बड़ों का सम्मान करना सिखाते हैं,
परिवार का महत्व समझाते हैं,
रिश्तों को निभाना सिखाते हैं,
सचमुच परिवार के बीच में रहकर उनके साथ मिलकर,
जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव भी छोटे लगते हैं,
बेशक सूखी रोटी मिले पर वो भी छप्पन भोग सी लगती है,
क्योंकि उसमें अपनों का प्यार स्नेह दुलार मिला होता है,
फटे कपड़े भी डिजाइनर सूट जैसे लगते हैं,
क्योंकि उसमे पिता की जीवनभर की कमाई लगी होती है,
सचमुच अपनों के प्यार से बढ़कर कोई दौलत नहीं,
और अपनों के साथ में रहकर मिलने वाली खुशी से,
बढ़कर दुनिया की कोई वस्तु इतनी अनमोल नहीं।
