संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
मत काटो मेरी बाँहों को मेरी डालो को
जटा बन आए मेरी जड़ के बालों को
बनने दो घोंसला तुम भी सुनो इन कलरव को
न बनने दो पेड़ पौधे बिन यह जन नीरव
होने दो एक विवाद इस प्रकृति पर
पेड़ पौधे जीव जंतुओं की हत्या पर संवाद होना चाहिए
हर मौसम की अपनी खुशबू अपनी मौसिकी थी
जाने कहांँ खो गई इस इंसानों के जंगल में
बसंत भी अब कहीं छुप गई इस प्रदूषण की आड़ में
वर्षों से बहती आती जन जीवन की प्यास बुझाती
दूषित हर पल हर साल होती रहती है
इस पर न कभी कोई विवाद होता न कोई संवाद
सभी मुख मोड़ लेते करते रहते है हमेशा अपवाद
देश, प्रकृति, जीव जंतुओं और इंसानों के बीच प्रेम का भाव होना चाहिए
सभी को सभी के बीच एक बार संवाद होना चाहिए
अपनों का न सोचकर समाज के लिए भी सोचना चाहिए
वाद विवाद हो चाहे पर अपनों का न हानि होना चाहिए
घर परिवार में ना कभी विवाद होना चाहिए
सभी कह सके दिल की बात ऐसा संवाद होना चाहिए
इस जहान में सब का एक प्रकार सम्मान होना चाहिए।
