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Rajkumar Jain rajan

Abstract

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Rajkumar Jain rajan

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संगठन की शक्ति

संगठन की शक्ति

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एक और एक ग्यारह

तभी हम कहलायेंगे

जब सकारात्मक सोच से

हम अपनी ऊर्जा को

देश, समाज,परिवार के

 विकास में लगाकर

हम दोनों संपूर्णता अपनाएंगे


अंतर्मन की ज्वाला में

सन्देश छिपा है जीवन का

जीत मिले तो करें न दम्भ

गर हार मिले तो ना रंज

नित संघर्ष मंत्र है जीवन का

सपने जिससे सच हो जाते

जीवन के उपवन भी

पुष्पित होकर 

संगठंन की शक्ति को दर्शाते


हैं भले ही हम एक-एक

आशा और विश्वास भरा मन हो

जीवन के मधुर सफर में

श्रम की जलाएं ऐसी ज्वाला

दोनों मिल साथ निभाएं

एक-एक ग्यारह कहलाये।


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