संगीत का आकर्षण
संगीत का आकर्षण
चित्र से प्रथम दृष्टया यह जान पड़ता है कि
एक सुन्दर लड़की कोई वाद्ययंत्र बजा रही है,
थोड़ी दूर बैठा एक व्यक्ति संगीत सुन रहा है
और आस-पास हिरनों का झुण्ड घोड़े व पक्षी हैं।
यह लघु चित्र मिस्किन का बनाया हुआ है
जो मुग़ल बादशाह अकबर के दरबार का
प्रसिद्ध मुग़ल चित्रकार था और पशुओं का
चित्र बनाने में माहिर कुशल चित्रकार था।
अकबर के दरबार के प्रधान वज़ीर और
इतिहासकार अबुल फ़ज़ल ने मिस्किन का नाम
ख्यातिप्राप्त मुग़ल चित्रकारों की सूची में लिया है
जो राजा रानियों के चित्र बनाया करते थे।
इस चित्र में प्रसिद्ध पर्शियन राजा बहराम गुर
दूर बैठे हिरनों का एक झुण्ड देख रहा है,
जो दिला राम का संगीत सुनकर सम्मोहित हैं
दिला राम राजा की सुन्दर गुलाम दासी थी।
बहराम गुर पर्शियन राजा सन् 420-438 में था
इतिहासकार फ़िरदौसी के शाहनामे में इसका नाम है,
कवि अमीर खुसरो ने भी अपनी रचना में कहा है कि
बहराम गुर संगीत से मोहित हिरनों को देख रहा है।
चित्र में पेड़ के नीचे बैठी लड़की वाद्ययंत्र लिये है
दूर पत्थर पर बैठा बहराम गुर लड़की और
उछल कूद करते हिरनों, ख़रगोश को देख रहा है
उसका सफ़ेद घोड़ा और एक भूरा घोड़ा पास में हैं।
पहाड़ के पत्थरों से बहती एक पतली नदी है
जिसमें बत्तखें तैर रही हैं, हिरन पानी पी रहा है,
सब ओर फैली हुई मनोरम हरियाली है ,घास है
प्रमुख हरे रंग के साथ ही लाल और नीला रंग है।
चित्रकार की तूलिका के रंग आकर्षक हैं
कुछ हिरन बैठे हैं, कुछ दौड़ रहे हैं, कुछ चर रहे हैं,
सब पशुओं की भिन्न - भिन्न स्वाभाविक मुद्रा है
चित्रकार की कुशल तूलिका का स्पर्श सर्वत्र है।
