संघर्ष
संघर्ष
लक्ष्य सामने खड़ा तो हो
सपना थोड़ा बड़ा तो हो
जीवन है संपूर्ण वही
जो संघर्षों से भरा तो हो
सांझ के ढलते लम्हों में भी
आशा और विश्वास रहे
नित्य नवल नूतन प्रयास को
हरदम तेरा हाथ बढ़े
तृष्णा की ज्वाला ना हो
पर कनक की भांति तपा तो हो
जीवन है संपूर्ण वही
जो संघर्षों से भरा तो हो
संकल्प निमित्त हो प्रण ऐसा
ज्यों अर्जुन खग पर ध्यान करे
श्रम की कर तू पराकाष्ठा
राह विघ्न प्रत्येक टले
अहम ना हो और दंभ ना हो
निज यकीं चित्त में रचा तो हो
जीवन है संपूर्ण वही
जो संघर्षों से भरा तो हो
