संबंध बनाए रखिये....
संबंध बनाए रखिये....
तुझ संग मेरे संबंध बनना कोई आसान तो नहीं था,
जानते थे तुम मुझको भी शायद की आसान नहीं मुझ संग रिश्ता जोड़ना,
दोस्ती हुई विश्वास हुआ तो तुझसे दिल से दिल मिले,
तुझसे दूर रह नहीं पाते अब तो हम पल भर के लिए भी,
नाराज़ जो जो जाते है इक दूजे से
तो दोनों ही खफ़ा खफ़ा रहते है,
जब तक मना ना ले तुझको तो चैन मिलता नहीं हमको,
रूठे हुए साथी को मनाना भी आसान नहीं होता,
संबंध तुझ संग तोड़ने का ख्याल कभी ख्वाब में भी नहीं आने देते,
संबंध तोड़ने में नहीं जोड़ने में विश्वास रखते है,
तुझ संग थोड़ी सी दिल्लगी कर लेते है पर अलविदा कर के छोड़ दे मुमकिन नहीं ,
अलविदा ये तो अंत है हम किसी संबंध का अंत करते नहीं ,
जब भी वो बुलाता है हर काम छोड़ उस की और चल पड़ते है,
उसकी परेशानी सुनते है अपनी बयाँ कर के रो लेते है,
संबंध आसानी से बनते नहीं थोड़ी सी नोक झोंक हो जाती है,
कभी शक अपने संबंध में आने नहीं देते,
शक वो बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं होता,
इसको हम अपने दिल मे घर बनाने नहीं देते ।