सम्मान करें
सम्मान करें
आत्मा साफ, परमात्मा साफ
यहीं काबा, यहीं कैलाश
ये सूरज सब के लिए है
ये चांद ये तारे सबके लिए हैं
सब परमात्मा के बनाए
सब के हिस्से में आए
फिर क्यों मन मैला किया हमने
क्यों दिल ओछा किया हमने
देने वाले ने फर्क़ न किया
तुमने फर्क कर दिया देने वाले में
ये रंग मेरा, ये रंग तेरा
ये इबादत मेरी, ये पूजा घर मेरा
इतनी बदनीयती ठीक नहीं
एक ईश्वर एक सत्य
हम सब उसके बन्दे
देने वाले ने विशाल धरती दी
तुमने उसे देश, धर्म, गोरे, काले में बांट दिया
और लगा रहे हो चक्कर, बन रहे हो घनचक्कर
खोदो अंदर खुदा है, बाहर जो भी है, धोखा है
नफरतों से लहू बहता है
लहलहाते खेतों से पेट भरता है
और सच्ची इबादत दिल से होती है
आओ एक दूसरे के लिए दिल से दुआ भर भर कर करें
जिसने मनुष्य बनाया
आओ उसका सम्मान करें।
