सलाम लिखता है शायर तुझे
सलाम लिखता है शायर तुझे
सलाम लिखता है शायर तुझे,
तुम्हारे हौसले रखेंगे सदा याद,
महामारी 2020 की झेली मार,
फिर भी ना की कोई फरियाद।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
युद्ध के नायक तुम कहाते हो,
दुश्मन का सीना तुमने चीरा है,
तुम दुश्मन का खून बहाते हो।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
तुमने काव्य लिख डाला बड़ा,
सुनकर दुश्मन हौसले है पस्त,
दुश्मन के इरादे हुये है ध्वस्त।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
तुम्हारी मेहनत रंग लाई जगत,
कोरोना की खोज डाली दवाई,
कितने लोगों की जान बचाई।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
तुमने जन में अलख वो जगाई,
दिन रात सेवा कर की भलाई,
भूखे नंगों की कई जान बचाई।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
युद्ध में तुमने न पीठ दिखाई,
मारे दुश्मन एक एक हजारों,
दिखा डाली जग की सच्चाई।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
खेतों में करता रहता है काम,
मेहनत के आगे कायल नाम,
किसान को मिले सच्चा धाम।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
दिन रात की है जमकर पढ़ाई,
भारत भर में प्रथम स्थान पाया,
माता पिता गुरु की लाज बचाई।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
शायरी में तूने रंग भर दिया है,
हँसाया तो कभी रुला दिया है,
अपने वतन का नाम लिया है।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
फूलों सा रोशन चेहरा तुम्हारा,
खुश होता है मन देख हमारा,
मिलेगा जो नहीं करें किनारा।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
रोते हुये कितने जन दिये हँसा,
हर दिल अजीज दिल में बसा,
दिलकश चेहरा देख हो नशा।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
भाषण पर तेरे होता जन फिदा,
लगता है जन में आया तू खुदा,
नहीं चाहते तुमसे हो हम जुदा।
सलाम लिखता है शायर तुझे,
तुमने हंसते हंसते बिताये दिन,
कोविड19 के बीत जाये अब,
देवों में देव है प्रभु ईश्वर रब।।