STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

3  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

स्कूल सजने लगी

स्कूल सजने लगी

1 min
224

आज फिर से राजस्थान में स्कूलें सजने लगी

ऐसा लगा पतझड़ में कोई बारिश बरसने लगी


जैसे ही आई स्कूल में बच्चों की चहचहाहट,

ऐसा लगा बहुत दिनों बाद स्कूल खिलने लगी


आज फिर मेरी स्कूलों में रौनक लौटने लगी 

आज फिर से मेरी स्कूल में घण्टी बजने लगी


ये नज़ारा देख शिक्षक साखी का मन भर आया,

बच्चों को स्कूल में देखकर आंखें बरसने लगी


कितना कोरोना ने तड़पाया, शिक्षा को भरमाया

कोरोना की आंखें हिंद वैक्सीन से जलने लगी


आज फिर से राजस्थान में स्कूलें सजने लगी

फिर से मेरी जन्नत, स्कूल बच्चों से महकने लगी



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational