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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4.5  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

सकारात्मकता

सकारात्मकता

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उनको ही मिलती है,इस ज़माने में सफलता

जिनके इरादों में नही होती है,नकारात्मकता

वो क्या पाएंगे,अपनी जिंदगी का कुछ पता

जिनके खुद के विचार ही है,साखी लापता

जिनके इरादों में है,वाकई मे सकारात्मकता

वो शूलों में खिला देते,फूल एकदम अलहदा

जो व्यक्ति यहां अपनी मौज में रहता है,सदा

जो दूजे भरोसे,नही,स्व भरोसे जीते है,सदा

वो लेते है,हकीकत में इस जिंदगी का मजा

जिनकी भीतर नही,गंदगी का तनिक निशां

जिनके अंदर और बाहर एक जैसी स्वच्छता

वो आदमी दलदल में खिलता कमल सा सदा

जिनकी सोच में होती है,गंगा जैसी निर्मलता

उनके पास न भटकती है,कभी नकारात्मकता

आदमी की जिंदगी में सफलता और विफलता

उसकी अपनी सोच पर निर्भर करती है,सदा

जिसकी निराशावादी सोच,वो रोता रहता,सदा

जिसकी आशावादी सोच,वो हंसता रहता,सदा

सोच सही,निराशा को भीतर से कर,सदा,विदा

ज़माना क्या,खुदा भी,कहेगा,क्या इरादा है,तेरा।



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