"सिर्फ तेरे लिए"
"सिर्फ तेरे लिए"
चांद अधूरा है क्यूँ क्यूँ अधूरी है रातें?
हम-तुम,तुम-हम साथ नहीं अब,
अधूरी हैं मुलाकातें...
दिल धड़कता है क्यूँ? सिर्फ तेरे लिए,
सिर्फ तेरे लिए, सिर्फ ?...तेरे लिए।
वो कहते हैं मैं भूल गई हूं,
मैं भूली नहीं कोई यादें...
दिल तड़पता है जैसे आंखों से हुई हो बरसातें ...
आंखों में आंसू है क्यूँ? सिर्फ तेरे लिए,
सिर्फ तेरे लिए, सिर्फ?...तेरे लिए।
बाहों का तुम हार हुए थे,
इस दिल को कभी धड़काते...
तरसती है अब निगाहें मेरी,
तड़पती है ये बाहें .... प्यार इतना है क्यूँ?
सिर्फ तेरे लिए, सिर्फ तेरे लिए, सिर्फ?...तेरे लिए।
फ़िल्म-बालिका बधु
गीत की धुन -बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना और? और तुम...

