STORYMIRROR

Pranita Meshram

Inspirational Others Children

4  

Pranita Meshram

Inspirational Others Children

माँ

माँ

1 min
251

कष्ट और पीड़ा को सहकर,

मेरे नवजीवन का तुमने निर्माण किया,

सहस्त्र वर्षों के पुण्य का ही ये परिणाम है।


तुम ईश्वर की सबसे सुंदर श्रेष्ठ रचना हो माँ,

तुममें दुनिया ये पूर्ण समाया है ,

रक्त कणों से तेरे माँ , एक अंश नया आया है।


प्रेम, दया और ममता की

तुम कितनी सुखद सुंदर कल्पना हो,

धन्य हो ईश्वर का जिसने,

माँ को धरती पर लाया है।


कोई मोल नहीं तुम्हारे प्रेम का माँ,

ऐसा सुखद स्वप्न तुमने साकार कराया है,

तेरी संतान पर आये आँच अगर,

तो तेरा हृदय भाव विभोर हो आया है।


न जाने कितने बलिदान तुमने दिये होंगे,

और फिर गमों को खुद में समेटकर ,

कितने ही महंगे उपहार मुझे दिये होंगे ।


तुम्हारे ध्येय की शक्ति का न कोई सार है

करुणा ,ममता, धीरज का तुममें भाव है

प्रतिरूप हो तुम माँ अंबे माँ का

तुम्हारे भीतर वेदना अपार है।


मेरा जीवन तुमसे शुरू होना

सहस्त्र वर्षों के पुण्य का ही परिणाम है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational