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Sonias Diary

Romance

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Sonias Diary

Romance

सिर्फ तेरा साथ

सिर्फ तेरा साथ

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उम्र के कैसे मुकाम में 

आये हम हमनशीन 

ना परिवार पास 

ना रिश्ते साथ 

बस मैं .....

अब सिर्फ चाहता तेरा साथ 


रातें कराहते 

आवाज लगाते 

तेरा हाथ ढूंढते 

तुझको पुकारते....


उम्र का काफिला

चला कुछ ऐसा 

तुम चल दिये सफर में 

हमसे किनारा कर 

चूडी , माथे सिंदूर लगा

सुकून सी नींद लिए 

ज्वाला में अग्नि की लपटों में...


हम बिखरे 

सांसे बिखरी 

तन्हा से हुए सारे पल...

तेरा प्यार तेरा साथ 


आरजू ज़िंदा लाश हुई 

आंखें भी अब तो सूख गई 

चारपाई भी बेजान हुई 

और मेरी देह क्यों अब 

और साँस ले रही...

ना काया ना सरमाया 


बस मैं.....

अब आना चाहता तेरे पास 

चाहता सिर्फ तेरा हाथ 


मेरी प्यारी 

मेरी जिंदगी की अमिट कहानी 

ले चल मुझे तू अपने साथ 

हाथों में थाम ले 

मेरा ये हाथ 


अब चाहता सिर्फ तेरा ....

सिर्फ तेरा ही तो बस साथ।।


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