सीता की अग्निपरीक्षा कब तक
सीता की अग्निपरीक्षा कब तक
मैं कैसे साबित करूँ
कि मैंं पवित्र नारी हूँ,
मैं अपहरण की मारी
मैंं ना जानू
क्या सोचेगी
ये दुनिया सारी,
होश वालो होश में आओ
अग्नि से तुम सीता को बचाओ।
मैं मजबूरी
मैं दुखयारी
मैं महिला बेचारी हूँ
इसका मतलब ये नहीं
मैं कलंकारी हूँ,
होश वालो होश मे आओ
अग्नि से तुम सीता को बचाओ।
सीता मैया दे गई
अग्निपरीक्षा की मिसाल,
हम नारी आत्मनिर्भर बने
ना ह्रदय में हो भय
ना ह्रदय में हो संदेह
बनो सत्य के जैसे
देखे जिसे सारा संसार,
मैं कूद पड़ी हूँ आज नारी
पीड़ा से भरी अग्नि में
होश वालो होश मे आओ
अग्नि से तुम सीता को बचाओ।
नारी दिल कभी ना दुखाओ
सत्य के हो पुजारी तो
सत्य को तुम ना आजमाओ,
सीता जैसी अग्निपरीक्षा
ना हो इस जीवन मे
वर्ना मिट जायेगी
माँ की ममता
पत्नी का प्यार
बहन जैसी वफादारी,
अब नहीं आते अग्नि देवता
सीता को बचाने
तुम को ही करना है ये कर्म
आओ हर महिला को बचाने,
मैं सीता जैसी नारी
अग्नि मे अब मेरी बारी
मैं जी जाऊ या मर जाऊ,
होश वालों होश मे आओ
अग्नि से तुम सीता को बचाओ।
मैं मजबूरी
मैं दुखयारी
मैं महिला बेचारी हूँ
इसका मतलब ये नहीं
मैं कलंकारी हूँ,
होश वालों होश मे आओ
अग्नि से तुम सीता को बचाओ।