सीमा पर तैनात
सीमा पर तैनात
तुम सीमा पर तैनात प्रिय,
मैंने ह्रदय में तुम्हें तैनात पाया।
ख्यालों में करती तुमसे बात,
यादों का जुदा संसार बसाया।
एकान्त में तुम्हारी अनुभूति,
महसूस होता तेरा ही साया।
मेरे कदमों से आती आहट तेरी,
मेरे आंसू मे चमकती तेरी छाया।
गुजरते दिन और महीनों में,
वो सूनापन न भर पाया।
तुम गये प्रिय आने की कहकर,
तुम आओ वो दिन न आया।
तुम निभाओ कर्तव्य सीमा पर,
सौगंध मेरी जो कदम हटाया।
उठाओ कांधे देश की सुरक्षा,
मैंने कांधे पर परिवार उठाया।