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Rashmi Rawat

Abstract

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Rashmi Rawat

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कराटे और परांठे

कराटे और परांठे

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आज सिखाती अपने सुत को, 

परांठे कैसे बनते हैं, 

और सिखाती मैं उसको, 

पूरी कैसे तलते हैं। 


कैसे घर को रखते साफ, 

कैसे रखते पल पल 

का हिसाब, 

वस्त्रों पर कैसे, 

इस्त्री करते हैं। 


आज सिखाती अपने सुत को, 

परांठे कैसे बनते हैं। 

कैसे घर के राई से काज, 

जुड़ करके बन जाते पहाड़।


थोड़ा सा बांटा अगर लो, 

तो काम सहूलियत से चलते हैं। 

आज सिखाती अपने सुत को, 

परांठे कैसे बनते हैं। 


चल ही रही थी पाठशाला, 

कि कैसे बनाएं परांठे ? 

इतने आई बिटिया मेरी, 

जो सीख रही थी कराटे। 


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