प्रबंधक
प्रबंधक
महिला नहीं हम प्रबंधक हैं,
अपनी ही भावनाओं के बंधक हैं।
हमारी हैं पहचान कई,
हर रूप जुदा है दूजे से,
किन्तु गुंथे परस्पर एक ही धागे से।
हमारे लिए समस्याएं,
पहाड़ों से भी ऊंची हैं।
सुविधाओं के लिए सभी की,
लम्बी-लम्बी सूची हैं।
पिया जी के वस्त्र हों,
या मुन्ने की दूध मलाई,
बिटिया के अध्ययन के मसले,
या बूढ़ी मां की हो दवाई।
प्रबंधन में हमारे यदि,
कहीं भी कमी आ जाए।
जानिए यह अटल सत्य,
घर में सुनामी आ जाए।