STORYMIRROR

Bharat Jain

Abstract

3  

Bharat Jain

Abstract

सीधी सीधी सड़क नहीं है

सीधी सीधी सड़क नहीं है

1 min
82


खो जाने में आसानी है,

मिल जाने पर मुश्किल होगी,

वीरानों में आंख खुली है,

ये न अभी सजल होगी।


सीधी सीधी सड़क नहीं है,

तुम तक कितने मोड़ पड़े हैं,

आधी राह गुजारी अब तक,

आधी और विरल होगी।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract