STORYMIRROR

Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

4  

Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

श्याम नाम भाता हैं,,।

श्याम नाम भाता हैं,,।

1 min
260

श्याम नाम भाता है,

    वहीं मन में, वहीं तन में..

हर पल यूं समाता है ...

    प्यार का ये रिश्ता है , 

दिल की दिल लगी है .. 

    मन से मन का नाता है ये,

प्यार की जिन्दगी है .. 

    आओ मन के आँगन में, 

इस दिल की सुनने तुम..

    तुम सुन लेना वो बाते भी, 

जिन्हें कह ना सके है हम..

    मैंने देखा ख्वाब है , 

तुम संग देखा आज है .. 

    कहने को तो कुछ भी नहीं है , 

फिर भी लाजवाब है ..     

    प्रेम पहला मेरे जीवन का, 

तुम ही हो साँवरिया.. 

    मेरे मन ने जिसको चाहा, 

वो तुम हो श्याम पिया..

    श्याम नाम भाता है ,

वहीं मन में, वहीं तन में..

    हर पल यूं समाता है .......



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract