शुक्रगुजार उस खुदा का...।
शुक्रगुजार उस खुदा का...।
सूर्य का उगना दिन का ढलना,
जीवन में आने वाले सुख दुख,
जन्म मृत्यु का चक्र,
सब उस परमात्मा की देन है,
हम तो मात्र उसके हाथ की कठपुतलियां हैं,
न हम कुछ करते हैं न कहते,
सब उसी का रचा मायाजाल है,
जिसमें फंसे हम सब मानव है,
जब जन्म दिया उसने धरा पर,
तो करेगा वही हमारा पालन पोषण,
हम तो निभाते बस अपना कर्म है,
वो रखता उसका हिसाब है,
सचमुच
ईश्वर की लीला भी बड़ी निराली,
हमारा जन्म लेना और मृत्यु को प्राप्त होना,
और फिर नवशिशु की उत्पत्ति,
यह सब उसके ही मायाजाल के चक्र है,
करो उनका धन्यवाद जिन्होंने दिया तुम्हें जन्म,
क्योंकि बड़े नसीबों से मिलता ये मानव जीवन है।
