शुकराना
शुकराना
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ज़िन्दगी में है जवाब हर एक सवाल का
बस रंग न उड़ने देना कभी इसके गुलाल का
कायम जो रखे रफ्तार वक़्त के साथ
वही कहलाये संजीदगी खयाल का
रिश्ते कायम रहे ,रूहानी मिलन हो
क्यों ढ़ूंढ़े हर बात में नुक्स मलाल का
मुक्कमल मिले सब कुछ, मुमकिन नही
रब से क्यों शिकवा करें अपने हाल का
मिला जो वह तकदीर का अहम हिस्सा है
गर तस्कीन हो,जीना भी होगा कमाल का
यह पल, यह दिन, दरअसल हकीकत है
एतमाद खुद पर ही है ज़िन्दगी के जलाल का
बद्दस्तूर रूह को संवारना और शुकराना
वाहिद है ज़रिया ज़िन्दगी में खुशहाल का।