शुभकामनाएं !!!
शुभकामनाएं !!!
श्री गौतम कोइरी जी! आपके पदार्पण की ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनकर
वर्तमान समय में
उस सत्य का
पूरे ईमान से
'आत्ममंथन' कर पा रहा हूं
कि आपमें निसंदेह
वो 'जज़्बा' है, जिसके दम पर आप
आगंतुक समय में
पूर्ण सत्यनिष्ठा से
अपनी कुशल 'कार्यक्षमता' को
बेहतर-से-बेहतर बनाने की
चाह रखते हुए
पूरी 'शिद्दत' से
हमारे विद्यालय की
सफल 'उन्नतीकरण' में अपनी
अग्रणी भूमिका
पालन कर रहे हैं...।
सामाजिक एवं सांगठनिक कार्यक्रमों के द्वारा हमारे महान राष्ट्र की 'गरिमा' में
चार चांद लगाने में
आप ज़रूर कामयाब होंगे, महोदय...!!!
जैसे माननीय एकनाथ रानाडे जी ने कन्याकुमारी में अवस्थित
विवेकानंद शिला में
अपनी 'ज्ञानचक्षु' द्वारा
विवेकानंद केंद्र की
'संकल्पना' की थी,
ठीक उसी अनुरूप
मैं आकिंचन अपने
सीमित अनुभवों की परिधि में
स्वयं 'जाग्रत' होकर
आपके आत्मविश्वास की
'अखण्ड ज्योति' को
प्रज्वलित देखकर
गर्व से कह सकता हूं कि
आप अपने निपुण कर्मों की
'विजय पताका' फहराने आए हैं...!
एक ऐसी विजय पताका
जिसके लिए
कार्बी आंगलोंग की यह 'ज्ञानपीठ'
वर्षों से प्रतीक्षारत था...।
महोदय, आप अपना 'संकल्प' पूरा करें...!!!
आपको सर्वोच्च 'सम्मान" मिले
एवं 'विधाता' की 'दिव्य शुभाशीष' भी...!
बस यही कामना करता हूं !!!
शुभकामनाएं !!!
