श्रीराम खत्म करो संग्राम
श्रीराम खत्म करो संग्राम
सुन लो मेरी प्रार्थना, प्रभु श्री राम अब
इन दरिंदों का खत्म करो संग्राम अब।
ये हर मोड़ पर बैठे मिलते,
ये गिद्ध हैं या हैं जंगली गीदड।
इन दरिंदों के कारण ही,
देश मे फैलती है गन्दी कीचड़।
इस दरिंदगी पर लगा दो पूर्ण विराम अब,
प्रभु श्री राम, खत्म करो संग्राम अब।
क्या इनके घर में नहीं, माँ-बेटी और बहन,
इनकी शर्मशार करतूत, अब होती नहीं सहन।
इनको दण्डित करने की बनाओ अब योजना,
सपने में भी ना सोचें ये, ऐसी युक्ति खोजना।
इनकी हैवानियत पर लगा दो पूर्ण विराम अब,
प्रभु श्री राम, खत्म करो संग्राम अब।
सुरक्षित हो, हर बेटी देश में
गर ये ना छुपे, भेड़िये के भेष में।
इनकी हरकत एक बहशीपन है
अरे इनकी सजा तो फाँसी भी कम है।
इन वहशियों पर लगा दो पूर्ण विराम अब,
प्रभु श्री राम, खत्म करो संग्राम अब।
