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Ajay Singla

Classics

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Ajay Singla

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श्रीमद्भागवत -३२ ;विदुर जी के प्रश्न

श्रीमद्भागवत -३२ ;विदुर जी के प्रश्न

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विदुर जी पूछें मैत्रेय मुनि से 

भगवान तो निर्विकार निर्गुण हैं 

उनसे गुण और क्रिया का सम्बन्ध 

लीला से भी कैसे संभव है। 


इस अपार मोह को मेरे 

दूर कीजिये, मुझपर कृपा करें 

मैत्रेय जी स्मरण करें भगवान का 

मुस्कुराते हुए वो ये बोले। 


इस जग में सारे जीवों की 

प्रतीति होती जो क्लेशादि में 

उस सब का कारण जो सोचो 

है भगवान की सब माया से । 


विदुर कहें सत्य कहा आपने 

दो प्रकार के लोग सुखी हैं 

एक तो जो अत्यंत मूढ़ हैं 

या जो हरी को प्रपात कर चुकें हैं। 


बीच की श्रेणी के जो भी लोग हैं 

वो सब हैं दुःख भोगें भारा 

कैसे विराट रूप ने रची सृष्टि 

जिससे ब्रह्माण्ड भर गया सारा। 


कौन कौन प्रजापति उत्पन्न हुए 

मनुओं की रचना की कैसे 

सभी लोक कैसे उत्पन्न हुए 

उत्पन्न हुए प्राणी सब कैसे। 


ब्रह्मा, विष्णु, महादेव रूप में 

जो लीलाएं की, वर्णन कीजिये 

जीव की जो गतियां होती हैं 

उन सब का हमें ज्ञान दीजिये। 


दान ताप और कर्मों का 

फल क्या है सब मुझे सुनाएं 

ज्ञान प्राप्ति का क्या मार्ग हैं 

सभी प्रश्नों का उत्तर बताएं। 



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