श्री राम स्तुति
श्री राम स्तुति
राम ही राम मैं रटूं, राम ही जीवन आधार
राम बिन मैं कुछ नहीं, राम ही मेरा संसार ।।
अवध पूरी में विराज रहे, सिया संग में राम
जय जयकारे गूंज रहे, जय जय प्रभु श्री राम ।।
महादेव के हीय में, बस रहे है राम
राम ही राम जपा करे, पवन पुत्र हनुमान ।।
शबरी के प्रेम में, झूठे फल खाए राम
राम नाम की महिमा, मैं गाउं आठों याम ।।
दीनो के दीनदयाल है, मर्यादा पुरुषोत्तम राम
दीन दुखियों की पुकार पे , दौड़े आते है राम ।।
राम प्रेम जो पा लिया, भवसागर तर जाए
राम ने गर छोड़ दिया, तो नैया डूबी जाए ।।
अदना सा मैं भक्त हूँ, धरूं आपका ध्यान
विनती मेरी सुनो प्रभु, मैं जपूं राम का नाम ।।