श्रद्धा से ही सब हासिल है
श्रद्धा से ही सब हासिल है
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
बिना श्रद्धा सब लगता सूना,
मेहनत करना जग में सीखो,
बिना मेहनत लगता है चूना ।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
पालकर रखो मन में श्रद्धा,
अटल सत्य मानो प्रभु होता,
मानते आये वृद्ध व वृद्धा।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
मन में जगा लो प्रेम भक्ति,
श्रद्धा अटल हो जब जन की,
बढ़ती जायेगी दिल में भक्ति।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
श्रद्धा संग में करना विश्वास,
प्रभु कण कण में मिलते हैं,
बस बन जा उसका ही दास।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
भक्त कर ले मचा नहीं शोर,
पवित्र भक्ति दिल में भरी हो,
जैसे सबरी के दिल का मोर।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
रखना सदा अटल मन भक्ति,
गृहस्थी जीवन पाकर कभी,
नहीं ले लेना कोई विरक्ति।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
बिन श्रद्धा नहीं जाने कोई,
जिसने मेहनत करना सीखा,
मन में भक्ति माला पिरोय।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
श्रद्धा से ही बनते हैं काम,
अनवरत काम करते रहना,
एक दिन जग में हो नाम।
श्रद्धा से ही सब हासिल है,
अपार श्रद्धा जगा लो दिल,
श्रद्धा अगर अटूट मिले तो,
प्रभु आसन्न जाता सदा हिल।