"अनुरोध"
"अनुरोध"
करें अनुरोध राधा रानी गिरिधर से....
काहे गागर मोहीं फोड़ी
जाये तू पत्थर से....
पनघट पर जो
पानी भरने आये....
सारी पनिहारिन
को काहे तू सताये....
कान्हा तो अपनी
हरकतों से बाज न आयें....
चलो यशोदा मैया से
ही इसकी पिटाई करवायें....
जो कहीं आपबीती
यशोदा मैया से....
कान्हा मेरा लाखों में है एक, कहकर
बतयाने लगी गय्या से....
और क्या तुम्हें
अब सुनायें....
कान्हा को भला
कैसे समझायें....
