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Sajida Akram

Abstract

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Sajida Akram

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श्राद्ध

श्राद्ध

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कर ले एक रोते बच्चे को,

दे थोड़ी सी मुस्कान,

वही मुस्कान तुझको देगी,


सुख, यश, कीर्ति, वैभव,

ये सब मन भ्रम है,

करेगा, तू श्राद्ध तभी

तेरे पितृ पूजनात् होंगे,

कर ले तू प्रतिज्ञा,


न सोए, कोई भी भूखा,

न रहे कोई बच्चा बिन,

शिक्षा, साकार हुई तेरी,

पितृपक्ष का श्राद्ध।


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