शक्ति स्वरुपा नारी
शक्ति स्वरुपा नारी
करो नारीकी शक्तिको
तुम्ही गौरव सन्मान |
काहे की ओन रचीस
सब विश्वमा विधान ||१||
लक्ष्मी अना सरस्वती
याच दुर्गा अवतार |
अनुसया ना सावित्री
काली रुपमा साकार ||२||
सावित्रीबाईको रुप
तूच बनी जिजाबाई |
सुर लताको गाना की
वात्सल्यकी सिंधूताई ||३||
लक्ष्मीबाई को साहस
मीरा सम भक्ती क्रम |
पद्मावती को जौहर
दुर्गावती को विक्रम ||४||
भयी सरोजनी अना
मदरटेरेसा नारी |
बेदी सारखी कडक
सुष्मिता सारखी प्यारी ||५||
भार्या तू बनी संगमा
माय रुप मोठो नाम |
शक्ती स्वरुपा हे नारी
तोला करुसु प्रणाम ||६||