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शिक्षक की अभिलाषा

शिक्षक की अभिलाषा

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हे माँ शारदे विद्या का दो वरदान

मैैं खरा उतर सकूँँ उनकी अपेक्षा पर

उनके लिए समर्पित हो सकूँ मैं,

बन सकूूँ उनकी समस्याओं का समाधान

हे माँ शारदे विद्या का दो वरदान।


वे अभी नादान हैं विपत्तियों से अनजान हैं

जीवन उनका जगमग ज्योतिर्मय करना

मार्ग प्रशस्त करना निराशा उनकी हरना

शक्ति देेेेना अपार, करना ये एहसान

हे माँ शारदे विद्या का दो वरदान।


वे खिलते हैं खिलखिलाते हैं

उपवन के फूूूल हैं महक रखना बरकरार,

आज धरा के हैं कल मेें चमकें गगन

ऐसे कर सकूँ मैं उनका उत्थान

हे माँ शारदे विद्या का दो वरदान।



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