शिखर चढ़ाया योग
शिखर चढ़ाया योग
बाबा तूने योग का, बिगुल दिया यों फेंक
करना अपने हाथ में, काम बहुत यह नेक
काम बहुत यह नेक, स्वयं करके कुछ पाओ
भरो सांस तुम खास, तंदरुस्त शरीर बनाओ
करके आसन खूब, बढाओ तन की आभा
शिखर चढाया योग, बनें तुम स्वामी बाबा।
