Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

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Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

शीर्षक- शंका

शीर्षक- शंका

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मुझे चाहो या नहीं

रिश्ते निभाओ या नहीं

लेकिन शंका न आने पाये, शंका मिले तो

सब छूटे

प्यार में जहर की बूँद समान होती है शंका

मिठास में खटास का काम करती है शंका

सद्बुद्धि को कुबुद्धि में परिवर्तित करती है शंका

शंका का कोई समाधान नहीं

खरपतवार के समान दिल की दहलीज

में बढ़ती है

रिश्तों को डसती है 

बड़ी विषैले होती है शंका 

जिसके मन में घर करती है

उसे बरबस खाक करती है

खौफ नाक होती है

अविश्वास का बीज मन में

बो देती है

शंका से रिश्ते टूट जाते है

लाखों लोगों के दिलों में दर्द छोड़ कर 

नये दिलों में दरार डालने निकल पड़ी

शंका 

दिल के रिश्तों में विश्वास का बीज 

डाल कर, प्यार की सिंचाई करो

मजबूत रिश्तों की बुआई होगी

फिर शंका के लिए न गुंजाइश होगी

सुकून से रिश्तों को निभाने वाले दिल

में न घर बना पाएगी शंका।



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