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Manju Saini

Inspirational

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Manju Saini

Inspirational

शीर्षक- परम्पराओं की बेड़ियां

शीर्षक- परम्पराओं की बेड़ियां

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क्यों रखना चाहते हो मुझे ताउम्र

यूँ ही परंपराओं की बेड़ियों में

कभी देखा तो होता मेरे मन के भाव को

क्या चाहती हूँ मैं चलना चाहा मैंने भी स्वच्छंद 

मेरी भी इच्छाएं है कुछ चाह हैं मेरी भी

पुरानी परम्पराओं में कब तक जकड़ी रहूँगी मैं।

क्या है मेरे प्रश्नों का उत्तर किसी के पास..?


मैं स्वयं पूर्ण हूँ क्योंकि तुम सब की जन्म दात्री हूँ

प्रकृति में मुझे सम्मान दिया है रचयिता का और

तुमने मुझे वस्तु मात्र ही समझ इस्तेमाल किया

अपनी शीतल छाँव प्रेम की दे पालती रही हूँ तुम्हें

अपना वजूद खो तुमको पहचान दिलाती रही मैं

तब क्यों मुझे इन बेड़ियों में रखना चाहते हैं सब 

क्या है मेरे प्रश्नों का उत्तर किसी के पास..?


हर बात मुझे नीचा दिखाने की होती कोशिश

मेरी ये बेटी होने की जो बेड़ियाँ डाली गई हैं अब

मैं नहीं रह सकती तुम्हारी इन झूठी परंपराओं में

नहीं चाहिए साथ किसी का इनको तोड़ने में

आज सक्षम हूँ मैं स्वयं रूढ़िवाद से निकलने को

अब तक नजर अंदाज हुई मैं पर अब नहीं।

क्या है मेरे प्रश्नों का उत्तर किसी के पास..?


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