सही निर्णय
सही निर्णय
व्यथित विचलित जब हो मन तेरा,
ह्रदय में हो रही उथल-पुथल,
निर्णय लेने में हो रही मुश्किल,
तब तू खुद पर रख संपूर्ण विश्वास,
ईश्वर का कर के ध्यान तू,
वह तुझे भ्रमित ना होने देगा,
सूझबूझ की गठरी खोल,
कर्म कर फल ईश्वर पर छोड़,
यही गीता का सार है,
जीवन का आधार है,
दृढ़ निश्चय से आगे बढ़,
बिना भयभीत हुए दुविधाओं से लड़,
सही पथ मंजिल तक पहुंचाएगा,
गलत हुआ तो लक्ष्य भले ही ना मिले,
वह तुझे कर्मठ बनाएगा,
गलतियों से सीख जाएगा तू,
जीवन का नव अनुभव कराएगा।