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Anu Chatterjee

Abstract Classics Inspirational

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Anu Chatterjee

Abstract Classics Inspirational

शबरी के बेर

शबरी के बेर

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प्रेम कोई भोग नहीं

बस साझेदारी है,

एक समझदारी है,

बिल्कुल शबरी की तरह

जो राम का इंतज़ार करती है

ठहरती है,

बेर चखके राम को देती है

और मुक्त हो जाती है। 


कोई जवाबदारी नहीं

केवल प्रेम।

न आधा, न पौना

शुद्ध-विशुद्ध प्रेम। 


परीक्षा में केवल इंतज़ार

केवल प्रतीक्षा

राम से मिलने की,

मोक्ष को प्राप्त करने की। 


न कोई संदेह, न कोई अग्निपरीक्षा,

न उपहार, न कोई पत्र,

जाने कितने तरीके थे एक राम के पास

अपने भक्तों से प्रेम जताने और स्वीकारने के लिए!



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