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Sandeep kumar Tiwari

Classics

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Sandeep kumar Tiwari

Classics

शबनम

शबनम

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मेरे दिल में भी आ के रहा कीजिए,

बन के आँखों से शबनम बहा कीजिए।


ग़म से नाता मेरा दूर तक है सनम,

हम से ग़म को भी अपने बयां कीजिए।


यूँ तो माना  ये है  जिंदगी बेवफा, 

मेरी जां सबसे फिर भी वफा कीजिए।


दिल के मारे ही हैं इस शहर में सभी,  

दर्दो ग़म अपने दिल में सहा कीजिए।


देखो 'बेघर' क्या है बात सब को पता, 

फिर भी महफिल में कुछ ना कहा कीजिए।


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