ग़ज़ल
ग़ज़ल
जिंदगी क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
आदमी क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
आसमां की आरजू में उड़ रहा इंसान है
ये जमीं क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
राम औ रहमान का झगड़ा यहाँ है बंदगी
बंदगी क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
आज बेबस आदमी है तो लगी ये बेबसी
बेबसी क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
देख लो अपने खुदा से कर के तुम भी आशिकी
आशिकी क्या चीज़ है ये आदमी को क्या पता
