शब्दों के मोती
शब्दों के मोती
मैं कौन
मत परखो
काम से पहचानो
सड़क झाड़ू लगाउं
या राजपाट संभालूं
ढूंढों काम से मैं कितना वफादार
मन में लालच नहीं
ईमानदारी से चाहिए दो वक्त की रोजी-रोटी
मन में हीनभावना मत् लाओ।
मैं भी आप की तरह धरती पर,
भगवान के वरदान।
