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संजय असवाल "नूतन"

Abstract Comedy Children

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संजय असवाल "नूतन"

Abstract Comedy Children

शैतान बंदर

शैतान बंदर

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देखो देखो बंदर आया

मचा रहा है शोर,


कभी इस डाली,कभी उस डाली में 

कर रहा है तोड़ फोड़।


उसकी इन हरकत को देख

बच्चे मन ही मन डर जाते हैं,


खीं खीं खूं खूं सुनकर उसकी

घर के अंदर भाग जाते हैं।


नटखट और शैतान बंदुरू को

केले बहुत ही भाते हैं,


आंख लगी ठेले वाले की बस

झट सारे केले खा जाते हैं।


तंग आकर उसकी शैतानियों से 

सबने उसको सबक सिखाया,


मार मार के डंडा उसको

शहर से बहुत दूर भगाया।


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