सहारे
सहारे
तुम में शक्ति है तुम्हारी सोच से बढ़कर,
जीत सकते हो तुम अपनी कमियों से लड़कर।
सहारे मत ढूँढो पाने को अपनी मंज़िल,
अपने बलबूते दिखा दो दुनिया को बदल कर।।
तूफान भी आएँगे धूप और बारिशें भी होंगी।
सफर कठिन है दुनियावालों की साज़िशें भी होंगी।।
पर डरना नही ज़रा तुम ,कोई दिखाए कितना भी अकड़ कर।
सहारे बैसाखियाँ हैं, मत चलो इन्हे पकड़ कर,
अपने बलबूते दिखा दो दुनिया को बदल कर।।
होगा जब सवेरा धूप तुम्हारी होगी,
मगर रात के अंधेरों ही में सुबह की तैयारी होगी।।
मेहनत से जो भी घबरा गए,
और जो रह गएअकेलेपन से डरकर।
सफलता नहीं आई उनके पास चलकर।।
सहारे मत ढूँढो पाने को अपनी मंज़िल,
अपने बलबूते दिखा दो दुनिया को बदल कर।।
पाने को अपनी मंजिल ,
साहस की सीढ़ियों पर चढ़ना पड़ता है।
सफलता के आंगन में पहुंचने को,
दुखों के द्वार से होकर गुजरना पड़ता है।।
पहुंच सका है कौन वहाँ सहारों को पकड़ कर,
अपने बलबूते दिखा दो दुनिया को बदल कर।।