शांति
शांति
शांत रहें, ओ! शांत रहें,
हममें कोई भी दुष्ट नहीं।
जन्म से बाल को समझा के कहें,
कि शांत रहें तो कष्ट नहीं।
अगर सब स्वयं ही शांत रहें,
तो पास के लोग भी सीखेंगे।
ज़रूरी नहीं किसी को बुला के कहें,
क्योंकि सीखेंगे जैसे ही देखेंगे।
शांति से समाज लगेगा शुद्ध,
साथ ही कम होगा अपना क्रोध।
विज्ञान भी किया है यह सिद्ध,
कि शांति से मिलेगा अपना बोध।
शांत रहें तो होगी नियंत्रण
आगत-जागत वायु की।
जिससे दूर होगा काल का निमंत्रण
और काल बढ़ेगी आयु की।
अंदर हो या बाहर हो, मन हो या तन,
दूर करें जो भी हो बुरे स्वभाव।
और शांत रखें अपना जीवन,
क्योंकि शांति है जीवन का भाव।