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Naveen kumar

Abstract

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Naveen kumar

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धैर्य

धैर्य

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अनिश्चितता को अपनाने का भाव,

वही कहलाता है धीर।

क्रांतिकारी लक्ष्य रखने वालों का भाव,

वह जिसमें है वही है वीर।


विश्वास है कि धैर्य होता है

जब अनुपस्थित हो भय।

परंतु सत्य है कि धैर्य आता है

जब भय पर हो विजय।


भय एवं धैर्य जागते हैं

स्थितियों में जो हैं समान,

भय जागे तो भागते हैं,

धैर्य जागे तो वह धैर्यवान।


वही हमें बताता है विज्ञान,

एड्रेनालिन बनता है तन में,

ऊर्जा होती है तन में प्रदान,

भागें या लड़ें -- सोचना है मन में।


भय को जीतना नहीं है मुश्किल,

जब भी अंदर लगता है भय,

स्थिति को समझने के बनो काबिल,

ज़रूर मिलेगा भय पर विजय।


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